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मंगलवार, दिसंबर 13, 2011

अनमोल वचन-छह

1. ज्ञान ही एकमात्र अच्छाई है, और अज्ञानता एकमात्र बुराई 2. हंसी मज़ाक सभी बातों को सहनीय बना देता है 3. देश के युवा की शिक्षा प्रत्येक देश की आधारशिला होती है 4.शांति के बारे में केवल बात करना ही काफी नहीं. व्यक्ति को उसमें विश्वास होना चाहिए. और केवल उसमें विश्वास होना ही काफी नहीं है. व्यक्ति को उसका अवलम्बन भी करना चाहिए. 5.प्रत्येक व्यक्ति अपना भाग्य ख़ुद बनाता है 6. आपको वही कार्य करना चाहिए जो आपको अपने लिए असंभव लगता है. 7. दिन लंबे हैं, लेकिन साल छोटे हैं 8. कल किसने देखा है. आज को जियो. 9. आज दूसरों के साथ अपनी खुशियां बांटें 10. हमें ख़ुद को वैसा बनाना चाहिए जैसा परिवर्तन हम दूसरों में चाहते हैं. 11. भलाई का कोई भी काम बेकार नहीं जाता, चाहे वह कितना ही छोटा क्यों न हो 12. स्वयं को किसी प्रतिभा या अन्य तरीके से विलक्षण बनाएं 13. प्रत्येक पीढ़ी पुराने फैशन की हंसी उड़ाती है, परंतु नए फ़ैशन का पूरी ईमानदारी से पालन करती है 14. वह,जो कभी-कभी होता है अद्भुत होता है.  15. कल्पनाशक्ति ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण होती है. 16. मौका मिले तो चूको मत.17. अब समय है कुछ नया प्रयास करने का 18. एक हाथ से ताली नहीं बजती.19. अच्छा श्रोता केवल लोकप्रिय ही नहीं होता, बल्कि वह कुछ समय बाद कुछ जानने भी लगता है 20. अच्‍छी पुस्‍तकें, अच्‍छे मित्रों के समान हैं, ये बहुत कम और चुनी हुईं होती हैं; जितना अधिक चयन, उतनी ही अधिक मज़ेदार. 21. अपने स्रोत को किस तरह छुपाएं ये जानना ही रचनात्मकता का राज़ है 22. ख़ून के बदले ख़ून की प्रवृति सारे विश्व का विनाश कर देती है 23. आप अतीत को ध्यान में रखकर अपने भविष्य की योजना नहीं बना सकते 24.कल किसने देखा है. आज को जियो 25.एक हाथ से ताली नहीं बजती 26. जो प्रश्न पूछता है, वह केवल पांच मिनटों के लिए मूर्ख साबित होता है, लेकिन जो नहीं पूछता, वह हमेशा मूर्ख ही बना रहता है 27. वादे कर्ज़ के समान होते हैं जिन्हें कभी न कभी चुकाना होता है 28. पूछने की चाह में कई चीज़ें खो जाती हैं. 29.दिन लंबे हैं, लेकिन साल छोटे हैं 30. वह,जो कभी-कभी होता है अद्भुत होता है 31. मौका मिले तो चूको मत. 32. कल्पनाशक्ति ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण होती है 33. पुस्तक ज्ञान का भंडार होती है 34. आज का भाग्य: अब समय है कुछ नया प्रयास करने का 35. यदि आप सभी नियमों का पालन करने लगें, तो ज़िंदगी का पूरा मज़ा नहीं ले पाएंगे 36. सादगी ही सर्वश्रेष्ठ दुनियादारी है 37. एक कुंद पेंसिल किसी तीक्ष्‍ण स्मृति से बेहतर है. 38.धीरे-धीरे आगे बढ़ने में न डरें, वहीं के वहीं खड़े रहने से डरें. 39. धीरे-धीरे आगे बढ़ने में न डरें, वहीं के वहीं खड़े रहने से डरें 40. विरोध के बदले शांति अनुभव करना चुनें 41.कमज़ोर व्यक्ति कभी क्षमा नहीं करता. क्षमा करना महान व्यक्ति की विशेषता होती है 42 अपने काम में ख़ुशी तलाशने का प्रयत्न करें अन्यथा आप कभी नहीं जान पाएंगे कि ख़ुशी क्या होती है 43. महसूस करने वालों के लिए ये दुनिया एक त्रासदी है, लेकिन सोचने वालों के लिए एक आनंद 44. आज किसी मित्र को प्रशंसापत्र लिखें. 45. अध्‍ययन ऐसा करो जैसे कि आपको हमेशा जीना है.ऐसे जियो जैसे जीवन का अंतिम समय निकट हो. 46. कल्पना के बेहतर दिशा में कार्य करने से ही अच्छे कार्यों का जन्म होता है. 47. भविष्य उन लोगों का होता है जो अपने सपनों की खूबसूरती में विश्वास करते हैं. 48. स्वार्थ का मतलब स्वयं की इच्छा के अनुसार जीना नहीं होता, इसका मतलब होता है दूसरों से भी आपकी इच्छा के अनुसार जीने को कहना 49. नए मित्र बनाने के लिए सही समय है 50. कमज़ोर व्यक्ति कभी क्षमा नहीं करता. क्षमा करना महान व्यक्ति की विशेषता होती है 51.कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है. 52. अपने आप को जोखिम में न डालें. वह सब कुछ, जो आपके पास है, वह आप स्वयं हैं. 53. आज किसी व्यक्ति की तारीफ़ करके देखें 54. मुस्कु्राएं. बस इतना ही 55. जीत के लिए प्रतिभा आवश्यक है, और उसे दोहराने के लिए चरित्र. 56. महान कार्य करने के लिए हमें सपने देखने के साथ-साथ कार्य भी करना होता है 57.बिना हंसी का दिन व्यर्थ होता है 58. धैर्य आशा करने की ही एक कला है.

1 टिप्पणी:

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यह है मेरे सच्चे हितेषी (इनको मेरी आलोचना करने के लिए धन्यवाद देता हूँ और लगातार आलोचना करते रहेंगे, ऐसी उम्मीद करता हूँ)
पाठकों और दोस्तों मुझसे एक छोटी-सी गलती हुई है.जिसकी सार्वजनिक रूप से माफ़ी माँगता हूँ. अधिक जानकारी के लिए "भारतीय ब्लॉग समाचार" पर जाएँ और थोड़ा-सा ध्यान इसी गलती को लेकर मेरा नजरिया दो दिन तक "सिरफिरा-आजाद पंछी" पर देखें.

आदरणीय शिखा कौशिक जी, मुझे जानकारी नहीं थीं कि सुश्री शालिनी कौशिक जी, अविवाहित है. यह सब जानकारी के अभाव में और भूलवश ही हुआ.क्योकि लगभग सभी ने आधी-अधूरी जानकारी अपने ब्लोगों पर डाल रखी है. फिर गलती तो गलती होती है.भूलवश "श्रीमती" के लिखने किसी प्रकार से उनके दिल को कोई ठेस लगी हो और किसी भी प्रकार से आहत हुई हो. इसके लिए मुझे खेद है.मुआवजा नहीं देने के लिए है.अगर कहो तो एक जैन धर्म का व्रत 3 अगस्त का उनके नाम से कर दूँ. इस अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ.

मेरे बड़े भाई श्री हरीश सिंह जी, आप अगर चाहते थें कि-मैं प्रचारक पद के लिए उपयुक्त हूँ और मैं यह दायित्व आप ग्रहण कर लूँ तब आपको मेरी पोस्ट नहीं निकालनी चाहिए थी और उसके नीचे ही टिप्पणी के रूप में या ईमेल और फोन करके बताते.यह व्यक्तिगत रूप से का क्या चक्कर है. आपको मेरा दायित्व सार्वजनिक रूप से बताना चाहिए था.जो कहा था उस पर आज भी कायम और अटल हूँ.मैंने "थूककर चाटना नहीं सीखा है.मेरा नाम जल्दी से जल्दी "सहयोगी" की सूची में से हटा दिया जाए.जो कह दिया उसको पत्थर की लकीर बना दिया.अगर आप चाहे तो मेरी यह टिप्पणी क्या सारी हटा सकते है.ब्लॉग या अखबार के मलिक के उपर होता है.वो न्याय की बात प्रिंट करता है या अन्याय की. एक बार फिर भूलवश "श्रीमती" लिखने के लिए क्षमा चाहता हूँ.सिर्फ इसका उद्देश्य उनको सम्मान देना था.
कृपया ज्यादा जानकारी के लिए निम्न लिंक देखे. पूरी बात को समझने के लिए http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html,
गलती की सूचना मिलने पर हमारी प्रतिक्रिया: http://blogkeshari.blogspot.com/2011/07/blog-post_4919.html

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