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आईये! हम अपनी राष्ट्रभाषा हिंदी में टिप्पणी लिखकर भारत माता की शान बढ़ाये.अगर आपको हिंदी में विचार/टिप्पणी/लेख लिखने में परेशानी हो रही हो. तब नीचे दिए बॉक्स में रोमन लिपि में लिखकर स्पेस दें. फिर आपका वो शब्द हिंदी में बदल जाएगा. उदाहरण के तौर पर-tirthnkar mahavir लिखें और स्पेस दें आपका यह शब्द "तीर्थंकर महावीर" में बदल जायेगा. कृपया "निर्भीक-आजाद पंछी" ब्लॉग पर विचार/टिप्पणी/लेख हिंदी में ही लिखें.

रविवार, अगस्त 26, 2012

गुड खाना और गुलगुलों से परहेज करना

काश ! हमारे देश के सभी बुद्धिजीवी भी हिंदी के प्रति पूरे ईमानदार होकर ज्यादा से ज्यादा हिंदी का प्रयोग करते हुए अपनी सभी बातें/विचार/रचना हिंदी में फेसबुक/टिवटर आदि पर डाले. तब कुछ हिंदी की स्थिति में सुधार संभव है. आज हिंदी की इतनी बुरी स्थिति हिंदी के चाहने वालों की वजह से है. कई तो कहते हैं कि हम हिंदी से अपनी माँ जितना प्यार करते है.मगर फेसबुक/टिवटर आदि पर अपने विचार/बातें/रचनाएँ अंग्रेजी या रोमन लिपि में डालते हैं यानि गुड खाते हैं और गुलगुलों से परहेज करते हैं. 
जब जब भारत देश में हिंदी दिवस आता है तब एक दिन के लिए कलाकार (अभिनेता / अभिनेत्री), पत्रकार, कवि और साहित्यकार हिंदी का गुणगान करते नजर आते हैं और अपनी टिप्पणी/विचारों को ऐसे व्यक्त करते हैं. जैसे उन से ज्यादा बड़ा तो कोई हिंदी प्रेमी इस भारत वर्ष में कोई हैं ही नहीं. उसके बाद 364 दिन हिंदी को अपनी दुश्मन के समान समझते हैं. हिंदी के बड़े-बड़े कलाकार (अभिनेता / अभिनेत्री), पत्रकार, कवि और साहित्यकार आदि अपने नाम को सोशल वेबसाईट (फेसबुक,गूगल,ट्विट्टर आदि) पर (अपनी प्रोफाइल में) हिंदी में लिखना तक पसंद नहीं करते हैं, क्योंकि कहीं लोग उनको "अनपढ़ और गंवार" ना समझे.
 मैंने कई अवसरों पर देखा है कि कई कलाकार (अभिनेता / अभिनेत्री), पत्रकार, कवि और साहित्यकार आदि कमाई तो हिंदी की खाते हैं और जब सोशल वेबसाइट पर अपना स्टेटस (गरिमा) दिखाने के लिए हिंदी से मुँह छुपाते नजर आते हैं. इसमें एक आध अपवाद छोड़ दें, क्योंकि कई लोगों फेसबुक आदि पर हिंदी लिखने से संबंधित जानकारी नहीं होती है. वरना.....अधिकांश के पास समय ही नहीं होता है, क्योंकि हिंदी लिखने के लिए थोड़ी ज्यादा मेहनत और समय की जरूरत है.
फेसबुक  प्रयोगकर्त्ताओं के लिए जानकारी:-
प्रश्न:-मुझे देवनागरी में नाम लिखने से सर्च करने में परेशानी होती है....इसलिए मैंने रोमन में लिखा हुआ है.....जो भी नाम देवनागरी में लिखे हैं, वो सर्च करने पर नहीं मिलते हैं.  
उत्तर:-अपनी प्रोफाइल में हिंदी में नाम कैसे लिखें:-आप सबसे पहले "खाता सेट्टिंग " में जाए. फिर आप "नेम एडिट" को क्लिक करें. वहाँ पर प्रथम,मिडिल व लास्ट नाम हिंदी में भरें और डिस्प्ले नाम के स्थान पर अपना पूरा नाम हिंदी में भरें. उसके बाद नीचे दिए विकल्प वाले स्थान में आप अपना नाम अंग्रेजी में भरने के बाद ओके कर दें. अब आपको कोई भी सर्च के माध्यम से तलाश भी कर सकता है और आपका नाम हर संदेश और टिप्पणी पर देवनागरी हिंदी में भी दिखाई देगा. अब बाकी आपकी मर्जी. हिंदी से प्यार करो या बहाना बनाओ.

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यह है मेरे सच्चे हितेषी (इनको मेरी आलोचना करने के लिए धन्यवाद देता हूँ और लगातार आलोचना करते रहेंगे, ऐसी उम्मीद करता हूँ)
पाठकों और दोस्तों मुझसे एक छोटी-सी गलती हुई है.जिसकी सार्वजनिक रूप से माफ़ी माँगता हूँ. अधिक जानकारी के लिए "भारतीय ब्लॉग समाचार" पर जाएँ और थोड़ा-सा ध्यान इसी गलती को लेकर मेरा नजरिया दो दिन तक "सिरफिरा-आजाद पंछी" पर देखें.

आदरणीय शिखा कौशिक जी, मुझे जानकारी नहीं थीं कि सुश्री शालिनी कौशिक जी, अविवाहित है. यह सब जानकारी के अभाव में और भूलवश ही हुआ.क्योकि लगभग सभी ने आधी-अधूरी जानकारी अपने ब्लोगों पर डाल रखी है. फिर गलती तो गलती होती है.भूलवश "श्रीमती" के लिखने किसी प्रकार से उनके दिल को कोई ठेस लगी हो और किसी भी प्रकार से आहत हुई हो. इसके लिए मुझे खेद है.मुआवजा नहीं देने के लिए है.अगर कहो तो एक जैन धर्म का व्रत 3 अगस्त का उनके नाम से कर दूँ. इस अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ.

मेरे बड़े भाई श्री हरीश सिंह जी, आप अगर चाहते थें कि-मैं प्रचारक पद के लिए उपयुक्त हूँ और मैं यह दायित्व आप ग्रहण कर लूँ तब आपको मेरी पोस्ट नहीं निकालनी चाहिए थी और उसके नीचे ही टिप्पणी के रूप में या ईमेल और फोन करके बताते.यह व्यक्तिगत रूप से का क्या चक्कर है. आपको मेरा दायित्व सार्वजनिक रूप से बताना चाहिए था.जो कहा था उस पर आज भी कायम और अटल हूँ.मैंने "थूककर चाटना नहीं सीखा है.मेरा नाम जल्दी से जल्दी "सहयोगी" की सूची में से हटा दिया जाए.जो कह दिया उसको पत्थर की लकीर बना दिया.अगर आप चाहे तो मेरी यह टिप्पणी क्या सारी हटा सकते है.ब्लॉग या अखबार के मलिक के उपर होता है.वो न्याय की बात प्रिंट करता है या अन्याय की. एक बार फिर भूलवश "श्रीमती" लिखने के लिए क्षमा चाहता हूँ.सिर्फ इसका उद्देश्य उनको सम्मान देना था.
कृपया ज्यादा जानकारी के लिए निम्न लिंक देखे. पूरी बात को समझने के लिए http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html,
गलती की सूचना मिलने पर हमारी प्रतिक्रिया: http://blogkeshari.blogspot.com/2011/07/blog-post_4919.html

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