काश ! हमारे देश के सभी बुद्धिजीवी भी हिंदी के प्रति पूरे ईमानदार होकर
ज्यादा से ज्यादा हिंदी का प्रयोग करते हुए अपनी सभी बातें/विचार/रचना
हिंदी में फेसबुक/टिवटर आदि पर डाले. तब कुछ हिंदी की स्थिति में सुधार
संभव है. आज हिंदी की इतनी बुरी स्थिति
हिंदी के चाहने वालों की वजह से है. कई तो कहते हैं कि हम हिंदी से अपनी
माँ जितना प्यार करते है.मगर फेसबुक/टिवटर आदि पर अपने विचार/बातें/रचनाएँ
अंग्रेजी या रोमन लिपि में डालते हैं यानि गुड खाते हैं और गुलगुलों से
परहेज करते हैं.
जब जब भारत देश में हिंदी दिवस आता है तब एक दिन के लिए कलाकार (अभिनेता / अभिनेत्री), पत्रकार,
कवि और साहित्यकार हिंदी का गुणगान करते नजर आते हैं और अपनी
टिप्पणी/विचारों को ऐसे व्यक्त करते हैं. जैसे उन से ज्यादा बड़ा तो कोई
हिंदी प्रेमी इस भारत वर्ष में कोई हैं ही नहीं. उसके बाद 364 दिन हिंदी को अपनी दुश्मन के समान समझते हैं. हिंदी के बड़े-बड़े कलाकार (अभिनेता / अभिनेत्री), पत्रकार,
कवि और साहित्यकार आदि अपने नाम को सोशल वेबसाईट (फेसबुक,गूगल,ट्विट्टर आदि) पर (अपनी प्रोफाइल में) हिंदी में लिखना तक पसंद नहीं करते हैं,
क्योंकि कहीं लोग उनको "अनपढ़ और गंवार" ना समझे.
मैंने कई अवसरों पर देखा है कि कई कलाकार (अभिनेता / अभिनेत्री), पत्रकार, कवि और
साहित्यकार आदि कमाई तो हिंदी की खाते हैं और जब सोशल वेबसाइट पर अपना
स्टेटस (गरिमा) दिखाने के लिए हिंदी से मुँह छुपाते नजर आते हैं. इसमें एक
आध अपवाद छोड़ दें, क्योंकि कई लोगों फेसबुक आदि पर हिंदी लिखने से संबंधित
जानकारी नहीं होती है. वरना.....अधिकांश के पास समय ही नहीं होता है,
क्योंकि हिंदी लिखने के लिए थोड़ी ज्यादा मेहनत और समय की जरूरत है.
फेसबुक प्रयोगकर्त्ताओं के लिए जानकारी:-
प्रश्न:-मुझे देवनागरी में नाम लिखने से सर्च करने
में परेशानी होती है....इसलिए मैंने रोमन में लिखा हुआ है.....जो भी नाम
देवनागरी में लिखे हैं, वो सर्च करने पर नहीं मिलते हैं.
उत्तर:-अपनी
प्रोफाइल में हिंदी में नाम कैसे लिखें:-आप सबसे पहले "खाता सेट्टिंग "
में जाए. फिर आप "नेम एडिट" को क्लिक करें. वहाँ पर प्रथम,मिडिल व लास्ट
नाम हिंदी में भरें और डिस्प्ले नाम के स्थान पर अपना पूरा नाम हिंदी में
भरें. उसके बाद नीचे दिए विकल्प वाले स्थान में आप अपना नाम अंग्रेजी में
भरने के बाद ओके कर दें. अब आपको कोई भी सर्च के माध्यम से तलाश भी कर
सकता है और आपका नाम हर संदेश और टिप्पणी पर देवनागरी हिंदी में भी दिखाई
देगा. अब बाकी आपकी मर्जी. हिंदी से प्यार करो या बहाना बनाओ.
आपका सुझाव वहुत महत्वपूर्ण है, ऐसे ही विकास संभव है।
जवाब देंहटाएं@प्रवीण पाण्डेय जी, इसका प्रयास हमें खुद ही करना होगा. आपका अब काफी दिनों बाद मेरे ब्लॉग पर आना हुआ. आपका स्वागत है.
हटाएंतभी आज तक हिंदी पूरी तरह से स्वीकारीय नहीं हो पाई हैं ...ये ही दोगलेपन की निति से आज हिंदी का ये हाल हैं ....
जवाब देंहटाएंआपकी विचारधारा से पूर्णता: सहमत हूँ.
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