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शनिवार, अक्तूबर 09, 2010

पुलिस को पता नहीं कैसे होती है छानबीन

कैसे होती है छानबीन, पुलिस को पता नहीं !


नई दिल्ली : रेप केस में पुलिस की छानबीन के तरीके पर हाई कोर्ट ने सवाल उठाए। हाईकोर्ट ने कहा कि एफआईआर का मजमून पढ़ने से साफ है कि यह फर्जी है। जस्टिस शिवनारायण ढींगड़ा ने शकरपुर थाने में दर्ज रेप का केस रद्द कर दिया। अदालत ने कहा कि पूरे मामले को देखने से लगता है कि पुलिस को पता नहीं है कि इस मामले में क्या छानबीन करनी है और छानबीन होती कैसे है? मौजूदा मामले में रमेश और रेखा (बदले हुए नाम) अदालत में पेश हुए और कहा कि दोनों शादी कर चुके हैं और उन्हें बच्चा भी है। ऐसे में एफआईआर रद्द की जाए। लड़की ने बयान दिया कि अपने पैरंट्स के दबाव में उसने लड़के के खिलाफ केस दर्ज करा दिया था। सरकारी वकील पवन शर्मा के मुताबिक पुलिस ने 2009 में लड़की के बयान पर एफआईआर दर्ज की थी। लड़की का बयान था कि पहले आरोपी ने उसे नशीला पदार्थ पिलाया और फिर रेप किया, लेकिन बाद में कहा कि वह उससे शादी कर लेगा इसलिए उसने पहले शिकायत नहीं की। इस दौरान शादी का झांसा देकर रमेश लगातार रेप करता रहा। वह गर्भवती हो गई। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू की। इस बीच रमेश और सीमा दोनों जस्टिस ढींगड़ा की कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट को बताया गया कि जब एफआईआर दर्ज कराई गई उससे काफी पहले से उनके बीच अफेयर चल रहा था। लड़की ने कोर्ट को बताया कि उसने अपने पैरंट्स के दबाव में झूठी एफआईआर दर्ज कराई थी क्योंकि वह गर्भवती थी और उसे डर था कि कहीं वह अपने होने वाले बच्चे को खो न दे। हालांकि इसी बीच दोनों ने शादी कर ली और अब उनकी एक बच्ची भी है। पिछले एक साल से वे एकसाथ खुशी-खुशी रह रहे हैं। ऐसे में एफआईआर रद्द की जाए। जस्टिस ढींगड़ा ने कहा कि पीडि़ता के बयान पर दर्ज की गई एफआईआर देखने से साफ है कि वह झूठी है। छानबीन के बाद पुलिस को क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करनी चाहिए थी। धारा-376 की शिकायत का यह मतलब नहीं है कि पीडि़ता का सिर्फ बयान दर्ज किया जाए और कोई छानबीन न की जाए। ऐसा देखने में आ रहा है कि पुलिस रेप के केस में अक्सर ऐसा ही करती है। देखा जाए तो यह मामला बिना दोनों पार्टियों के समझौते के ही रद्द होना चाहिए क्योंकि मौजूदा एफआईआर ही झूठी है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की अर्जी स्वीकार कर ली और रेप का केस रद्द कर दिया।

शुक्रवार, अक्तूबर 08, 2010

बच्चा नहीं लौटा

बच्चा नहीं लौटा घर ट्यूशन गया था

नई दिल्ली :पश्चिमी दिल्ली के रनहोला थाना इलाके में ट्यूशन पढ़ने गया 13 साल का बच्चा लापता हो गया है। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर ली है। नजफगढ़ के जय विहार इलाके में रहने वाले वीरेंद्र सिंह नेगी का बेटा दुर्गेश मंगलवार दोपहर बाद चार बजे घर से ट्यूशन पढ़ने निकला था। यह ट्यूशन सेंटर उसके घर की गली में ही है। वह घर नहीं लौटा। उसके परिवार ने उसे खोजने की काफी कोशिश की, लेकिन वह नहीं मिला। उन्होंने नजफगढ़ थाने में कंप्लेंट दी। वहां से जानकारी मिली कि दुर्गेश के घर का इलाका रनहोला थाने के तहत है। रनहोला पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर ली है। अभी तक बच्चे का सुराग नहीं मिल सका है।
विंडो ग्रिल तोड़कर डेढ़ लाख की चोरी
नई दिल्ली :पश्चिमी दिल्ली के एक बंद फ्लैट की विंडो ग्रिल तोड़कर डेढ़ लाख रुपये का सामान चोरी किया गया है। पीडि़त के बयान के बावजूद हरिनगर थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की है। यह वारदात बुधवार को हुई। जेल रोड पर वीरेंद्र नगर में रहने वाले भूपेंद्र सिंह की बेटी विदेश में गई हुइ है। भूपेंद्र सिंह और उनकी पत्नी अपने घर को बंद कर उससे कुछ दूरी पर अपनी बेटी के घर में रह रहे हैं। उनका फ्लैट ग्राउंड फ्लोर पर है। बुधवार सुबह वह अपने घर आए थे। दोपहर 12 बजे उनके पड़ोसी ने भी घर ठीकठाक देखा था। इसके बाद 12 से दो बजे के दरम्यान उनके घर की विंडो ग्रिल तोड़कर वारदात की गई। घर के मेन गेट का ताला सही सलामत था। अंदर लॉकर टूटे हुए थे। घर में रखे 20 हजार रुपये और सात तोले गोल्ड जूलरी चुराई गई। भूपेंद्र सिंह ने पुलिस को खबर दी। काफी देर बाद हरिनगर पुलिस मौके पर पहुंची। भूपेंद्र ने बताया कि पुलिस उनके बयान लेकर चली गई। पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की है। 

बिंदापुर थानाध्यक्ष निलंबित

बिंदापुर थानाध्यक्ष निलंबित, युवक की पिटाई महंगी पड़ी
नई दिल्ली : पश्चिमी दिल्ली के थाना बिंदापुर के थानाध्यक्ष को विगत दिन 7 अक्तूबर 2010 को निलंबित कर दिया. जब नाविक ही नाव को डुबोयेंगा, तब सवारियों का क्या होगा? एसएचओ पर कुछ महीने पहले एक युवक के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया था. विजिलेंस विभाग इस मामले की जांच कर रहा था. उसकी रिपोर्ट आने के बाद पुलिस आयुक्त के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आर.एस.कृष्णैया ने थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया. अब थाने का कार्यभार अतिरिक्त थानाध्यक्ष प्यारेलाल सम्भल रहे है. सूत्रों के अनुसार इसी साल की 4 फरवरी को थाना बिंदापुर इलाके के एक युवक को थानाध्यक्ष ऋषि देव ने खूब पीटा था. युवक पर पड़ोसी महिला के साथ नाजायज संबंध रखने का आरोप था. इस बात पर महिला के पति ने तीन फरवरी को युवक की पिटाई कर दी थी. इसके बाद चार फरवरी को थानाध्यक्ष ने भी उसे पीटा. पाँच फरवरी को इसकी शिकायत करने युवक और उसके पिता, पड़ोसी व स्वयंसेवी संस्था के सदस्यों के साथ थाने गया. वहां फिर थानाध्यक्ष ने उसकी पिटाई की. विरोध करने पर उसके पिता को भी पीटा. इस मामले की युवक ने कई उच्च अधिकारियों से शिकायत करने के साथ ही उपरोक्त घटना की पुलिस आयुक्त वाई.एस.डडवाल को जानकारी दी. इस पर आयुक्त ने विजिलेंस जांच के आदेश दिए. कई महीने की छानबीन में विजिलेंस ने थानाध्यक्ष ऋषि देव को दोषी पाया.

सूत्रों के अनुसार इस दौरान थानाध्यक्ष ऋषिदेव ने मामला रफा-दफा करने के लिए युवक पर दबाब भी बनाया था. विजिलेंस टीम ने अपनी रिपोर्ट पुलिस आयुक्त को सौंपी. इसके बाद पुलिस आयुक्त के निर्देश पर दक्षिणी-पश्चिमी जिले के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आर.एस.कृष्णैया ने बिंदापुर थानाध्यक्ष ऋषिदेव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया.

गौरतलब है उपरोक्त संवाददाता रमेश कुमार जैन का ऍफ़ आई आर दर्ज करने के भी दो प्रार्थना पत्र थानाध्यक्ष ऋषिदेव के पास पेडिंग पड़ें थें. प्रार्थना पत्र की शिकायत के अनुसार उसमें सारे सबूत सलंग्न थें. मगर फिर भी तरह-तरह के बहाने बनाये जा रहे थें कि-थाने में सीडी सुनने की सुविधा नहीं है आदि. जिसका सन्दर्भ ब्लॉग (बायीं तरफ) पर "मार्मिक अपील-मदद सिर्फ एक फ़ोन की !" के नाम से दर्ज है. जब एक पत्रकार के आवेदन पर कार्यवाही नहीं हो रही है तब आम जनता का क्या हाल करते होंगे भ्रष्ट पुलिस वाले? भ्रष्ट पुलिस वालों की कार्यशैली और कार्यप्रणाली पर यह एक प्रश्न चिन्ह है, यह समाचार एक जीता-जागता उदाहरण है.
# निष्पक्ष, निडर, अपराध विरोधी व आजाद विचारधारा वाला प्रकाशक, मुद्रक, संपादक, स्वतंत्र पत्रकार, कवि व लेखक रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" फ़ोन: 09868262751, 09910350461 email: sirfiraa@gmail.com, महत्वपूर्ण संदेश-समय की मांग, हिंदी में काम. हिंदी के प्रयोग में संकोच कैसा,यह हमारी अपनी भाषा है. हिंदी में काम करके,राष्ट्र का सम्मान करें.हिन्दी का खूब प्रयोग करे. इससे हमारे देश की शान होती है.

बुधवार, अक्तूबर 06, 2010

देश का कैसा कानून है?

यह हमारे देश का कैसा कानून है?

जो वेकसुर लोगों पर ही लागू होता है. जिसकी मार हमेशा गरीब पर पड़ती है. इन अमीरों व राजनीतिकों को कोई सजा देने वाला हमारे देश में जज नहीं है, क्योंकि इन राजनीतिकों के पास पैसा व वकीलों की फ़ौज है. इनकी दिल्ली में व केंद्र में सरकार है. दिल्ली नगर निगम व दिल्ली पुलिस में इतनी हिम्मत नहीं है कि-इन पर कार्यवाही कर सकें. बेचारों को अपनी नौकरी की चिंता जो है. कानून तो आम-आदमी के लिए बनाये जाते हैं. एक ईमानदार व जागरूक इंसान की तो थाने में ऍफ़ आई आर भी दर्ज नहीं होती हैं. उसे तो थाने, कोर्ट-कचहरी, बड़े अधिकारीयों के चक्कर काटने पड़ते है या सूचना का अधिकार के तहत आवेदन करना पड़ता है. एक बेचारा गरीब कहाँ लाये अपनी FIR दर्ज करवाने के लिए धारा 156 (3) के तहत कोर्ट में केस डालने के लिए वकीलों (जो फ़ीस की रसीद भी नहीं देते हैं) की मोटी-मोटी फ़ीस और फिर इसकी क्या गारंटी है कि-ऍफ़ आई आर दर्ज करवाने वाला केस ही कितने दिनों में खत्म (मेरी जानकारी में ऐसा ही एक केस एक साल से चल रहा है) होगा. जब तक ऍफ़ आई आर दर्ज होगी तब तक इंसान वैसे ही टूट जाएगा. उसके द्वारा उठाई अन्याय की आवाज बंद हो जाएगी तब यह कैसा न्याय ?
सैंया भये कोतवाल फिर डर काहे का संदेश देते होडिग्स. हैं किसी के माई के लाल में दम जो इनको सजा दें सकें या जुर्माना कर सकें.
# निष्पक्ष, निडर, अपराध विरोधी व आजाद विचारधारा वाला प्रकाशक, मुद्रक, संपादक, स्वतंत्र पत्रकार, कवि व लेखक रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" फ़ोन: 09868262751, 09910350461 email: sirfiraa@gmail.com, महत्वपूर्ण संदेश-समय की मांग, हिंदी में काम. हिंदी के प्रयोग में संकोच कैसा,यह हमारी अपनी भाषा है. हिंदी में काम करके,राष्ट्र का सम्मान करें.हिन्दी का खूब प्रयोग करे. इससे हमारे देश की शान होती है. नेत्रदान महादान आज ही करें. आपके द्वारा किया रक्तदान किसी की जान बचा सकता है.

सोमवार, अक्तूबर 04, 2010

महाराजा अग्रसेन जयन्ती

महाराजा अग्रसेन जयन्ती समारोह सम्पन्न हुआ
नई दिल्ली : पश्च्मि दिल्ली के उत्तम नगर थाना के अंतगर्त श्री गांधी-शास्त्री जी की जयंती के सुअवसर पर ही विगत दिन 2 अक्तूबर को अग्रवाल धर्मशाला, मेन नजफगढ़ रोड उत्तम नगर में श्री अग्रवाल सभा ट्रस्ट (पंजीकृत) उत्तम नगर के तत्वाधान में महाराजा अग्रसेन जयन्ती समारोह बड़ी धूमधाम से मनाया गया. जिसमें वैश्य समाज के अनेकों गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही.समारोह का शुभारम्भ हवन होने के बाद श्री सुरेश गर्ग(पूर्व चेयरमैन,अग्रवाल सभा-जनकपुरी) के द्वारा ध्वजारोहण करने के साथ हुआ. फिर श्री रमेश बंसल की अध्यक्षता में श्री बजरंगलाल सिंघल ने ज्योति प्रचंड की और रोशनलाल अग्रवाल द्वारा अग्रदूत पत्रिका विमोचन किया गया. अनेक स्कूलों के विद्धार्थियों द्वारा अतिथियों का स्वागत करने के साथ ही मुख्य अतिथि श्री प्रदीप मित्तल (पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन), श्री विजेंद्र गुप्ता(अध्यक्ष, दिल्ली प्रदेश भाजपा) और अति विशिष्ट अतिथि श्री रामकृष्ण गुप्ता(चेयरमैन, लवकुश रामलीला), सरिता जिंदल, सुनील जिंदल आदि का स्वागत फूलमाला पहनाकर किया. इस अवसर पर अनेकों स्कूलों ने अनेकों सांस्कृतिक कार्यक्रम किये.इस अवसर पर श्री रामभज अग्रवाल,ब्रहमप्रकाश गुप्ता, ईश्वरचंद गोयल, रोशनलाल बंसल, सिंघल स्टोर वाले पवन सिंघल,सामाजिक कार्यकर्त्ता नरेश कुमारअग्रवाल,मदनलाल बंसल, रामस्वरूप अग्रवाल और देवीशरण अग्रवाल आदि व्यक्तियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही.समारोह का समापन दसवीं व बारहवीं में अच्छे अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्रों को परितोषिक वितरण होने के बाद प्रसाद ग्रहण के साथ हुआ.
                         समारोह की सुरक्षा तैनात थाना उत्तम नगर के पुलिस अधिकारी.
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रविवार, अक्तूबर 03, 2010

संस्था के वार्षिक चुनाव

संस्था के वार्षिक चुनाव सम्पन्न हुए
नई दिल्ली : पश्च्मि दिल्ली के थाना-बिंदापुर के अंतगर्त आने वाली शीशराम पार्क कालोनी की वेलफेयर एसोसिएश्न "शीश राम पार्क सुधार सभा" (पंजीकृत) के वार्षिक चुनाव श्री गिरवर सिंह वशिष्ठ की अध्यक्षता में विगत दिन 2 अक्तूबर को संपन्न हुआ. जिसमें सर्वसम्मति से श्री गिरवर सिंह वशिष्ठ (सरंक्षक), श्रीराम शर्मा (प्रधान), अनिल बंसल (उपप्रधान), डॉ. बृजपाल शर्मा (महासचिव), चन्द्रशेखर(सहसचिव), राजकुमार अग्रवाल (कोषाध्यक्ष) और के. के. सक्सेना (लेखानिरीक्षक) आदि पदाधिकारियों की नियुक्ति की.

बांये से दांये-शीश राम पार्क सुधार सभा के पदाधिकारी श्री राजकुमार अग्रवाल, श्रीराम शर्मा, श्रीमती संतरा देवी, श्रीमती राजरानी, डॉ. बृजपाल शर्मा, अनिल बंसल, और चन्द्रशेखर.

इसके साथ ही हर वर्ष की भांति "शिव मंदिर धमार्थ सभा" (पंजीकृत) के भी चुनाव संपन्न हुए. जिसमें सर्वसम्मति से सरदार करनैल सिंह (सरंक्षक), लक्ष्मीचंद अग्रवाल (प्रधान), मास्टर प्रताप सिंह मुदगल (उपप्रधान), रामगोपाल त्यागी (महासचिव), बजरंग लाल गुप्ता (सहसचिव), जय भगवन अग्रवाल (कोषाध्यक्ष) और के. के. सिंह (लेखानिरीक्षक) आदि पदाधिकारियों की नियुक्ति की.

बांये से दांये-शिव मंदिर धमार्थ सभा के पदाधिकारी रामगोपाल त्यागी, के. के. सिंह, सरदार करनैल सिंह, लक्ष्मीचंद अग्रवाल, जय भगवन अग्रवाल, राणा राम गोयल और बजरंग लाल गुप्ता.

इसके बाद दोनों संस्थाओं के पदाधिकारियों ने आपसी सम्मति से क्षेत्रीय समाचार पत्र "जीवन का लक्ष्य" के संपादक श्री रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" को दोनों संस्थाओं के लिए  "मीडिया प्रभारी" के रूप में नियुक्त किया. जिससे समय-समय पर संस्था द्वारा किये जा रहे कार्यों की सूचनाओं से सभी अवगत हो सके.
बांये से दांये-शीश राम पार्क सुधार सभा व शिव मंदिर धमार्थ सभा के सरंक्षक श्री गिरवर सिंह वशिष्ठ और सरदार करनैल सिंह.

घरेलू क्लेश-फाँसी लगाई

घरेलू क्लेश से दुखी व्यक्ति ने लगाई फाँसी

नई दिल्ली : पश्च्मि दिल्ली के थाना बिंदापुर के अंतगर्त आने वाली शीशराम पार्क कालोनी में विगत दिन 30सितबर की सुबह अश्वनी कुमार (46 ) ने पंखे से लटककर ख़ुदकुशी कर ली. माँ कैलाश देवी ने सुबह मंदिर से आने के बाद कई आवाज लगाकर अश्वनी को ढूंढा. तब पहली मंजिल पर बने कमरे में पंखे से लटका देखा. फिर पुलिस को सूचना दी. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को दीनदयाल उपाध्यय अस्पताल भिजवाया. अश्वनी कुमार उत्तम नगर में स्थित मानस कुञ्ज रोड पर परचून की दुकान करते थें और इनके दो बेटे है. जिनकी आयु क्रमश: लगभग 19 साल और 12 साल है. सूत्रों की माने तो यह कहा जा रहा है कि-अश्वनी कुमार ने घरेलू क्लेश से दुखी होकर ही आत्महत्या की. पिछले तीन महीने से पत्नी ने मारपीट कर घर से बाहर निकाल रखा था. मानसिक तनाव के चलते डेढ़ महीने इधर-उधर भटकने के बाद ही पिछले डेढ़ महीने से अपनी माँ के पास रह रहा था. सभी परिजन मानसिक तनाव से उबरने के समझा-बुझा रहे थें. पति की सुरक्षा हेतु कोई कारगर कानून होने की वजह से अक्सर पत्नी से उत्पीडत पति आत्महत्या कर लेते है. पुलिस को कोई सुसाईट नोट बरामद नहीं हुआ. पुलिस की जांच जारी है.
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यह है मेरे सच्चे हितेषी (इनको मेरी आलोचना करने के लिए धन्यवाद देता हूँ और लगातार आलोचना करते रहेंगे, ऐसी उम्मीद करता हूँ)
पाठकों और दोस्तों मुझसे एक छोटी-सी गलती हुई है.जिसकी सार्वजनिक रूप से माफ़ी माँगता हूँ. अधिक जानकारी के लिए "भारतीय ब्लॉग समाचार" पर जाएँ और थोड़ा-सा ध्यान इसी गलती को लेकर मेरा नजरिया दो दिन तक "सिरफिरा-आजाद पंछी" पर देखें.

आदरणीय शिखा कौशिक जी, मुझे जानकारी नहीं थीं कि सुश्री शालिनी कौशिक जी, अविवाहित है. यह सब जानकारी के अभाव में और भूलवश ही हुआ.क्योकि लगभग सभी ने आधी-अधूरी जानकारी अपने ब्लोगों पर डाल रखी है. फिर गलती तो गलती होती है.भूलवश "श्रीमती" के लिखने किसी प्रकार से उनके दिल को कोई ठेस लगी हो और किसी भी प्रकार से आहत हुई हो. इसके लिए मुझे खेद है.मुआवजा नहीं देने के लिए है.अगर कहो तो एक जैन धर्म का व्रत 3 अगस्त का उनके नाम से कर दूँ. इस अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ.

मेरे बड़े भाई श्री हरीश सिंह जी, आप अगर चाहते थें कि-मैं प्रचारक पद के लिए उपयुक्त हूँ और मैं यह दायित्व आप ग्रहण कर लूँ तब आपको मेरी पोस्ट नहीं निकालनी चाहिए थी और उसके नीचे ही टिप्पणी के रूप में या ईमेल और फोन करके बताते.यह व्यक्तिगत रूप से का क्या चक्कर है. आपको मेरा दायित्व सार्वजनिक रूप से बताना चाहिए था.जो कहा था उस पर आज भी कायम और अटल हूँ.मैंने "थूककर चाटना नहीं सीखा है.मेरा नाम जल्दी से जल्दी "सहयोगी" की सूची में से हटा दिया जाए.जो कह दिया उसको पत्थर की लकीर बना दिया.अगर आप चाहे तो मेरी यह टिप्पणी क्या सारी हटा सकते है.ब्लॉग या अखबार के मलिक के उपर होता है.वो न्याय की बात प्रिंट करता है या अन्याय की. एक बार फिर भूलवश "श्रीमती" लिखने के लिए क्षमा चाहता हूँ.सिर्फ इसका उद्देश्य उनको सम्मान देना था.
कृपया ज्यादा जानकारी के लिए निम्न लिंक देखे. पूरी बात को समझने के लिए http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html,
गलती की सूचना मिलने पर हमारी प्रतिक्रिया: http://blogkeshari.blogspot.com/2011/07/blog-post_4919.html

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