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शुक्रवार, अक्तूबर 08, 2010

बिंदापुर थानाध्यक्ष निलंबित

बिंदापुर थानाध्यक्ष निलंबित, युवक की पिटाई महंगी पड़ी
नई दिल्ली : पश्चिमी दिल्ली के थाना बिंदापुर के थानाध्यक्ष को विगत दिन 7 अक्तूबर 2010 को निलंबित कर दिया. जब नाविक ही नाव को डुबोयेंगा, तब सवारियों का क्या होगा? एसएचओ पर कुछ महीने पहले एक युवक के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया था. विजिलेंस विभाग इस मामले की जांच कर रहा था. उसकी रिपोर्ट आने के बाद पुलिस आयुक्त के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आर.एस.कृष्णैया ने थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया. अब थाने का कार्यभार अतिरिक्त थानाध्यक्ष प्यारेलाल सम्भल रहे है. सूत्रों के अनुसार इसी साल की 4 फरवरी को थाना बिंदापुर इलाके के एक युवक को थानाध्यक्ष ऋषि देव ने खूब पीटा था. युवक पर पड़ोसी महिला के साथ नाजायज संबंध रखने का आरोप था. इस बात पर महिला के पति ने तीन फरवरी को युवक की पिटाई कर दी थी. इसके बाद चार फरवरी को थानाध्यक्ष ने भी उसे पीटा. पाँच फरवरी को इसकी शिकायत करने युवक और उसके पिता, पड़ोसी व स्वयंसेवी संस्था के सदस्यों के साथ थाने गया. वहां फिर थानाध्यक्ष ने उसकी पिटाई की. विरोध करने पर उसके पिता को भी पीटा. इस मामले की युवक ने कई उच्च अधिकारियों से शिकायत करने के साथ ही उपरोक्त घटना की पुलिस आयुक्त वाई.एस.डडवाल को जानकारी दी. इस पर आयुक्त ने विजिलेंस जांच के आदेश दिए. कई महीने की छानबीन में विजिलेंस ने थानाध्यक्ष ऋषि देव को दोषी पाया.

सूत्रों के अनुसार इस दौरान थानाध्यक्ष ऋषिदेव ने मामला रफा-दफा करने के लिए युवक पर दबाब भी बनाया था. विजिलेंस टीम ने अपनी रिपोर्ट पुलिस आयुक्त को सौंपी. इसके बाद पुलिस आयुक्त के निर्देश पर दक्षिणी-पश्चिमी जिले के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आर.एस.कृष्णैया ने बिंदापुर थानाध्यक्ष ऋषिदेव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया.

गौरतलब है उपरोक्त संवाददाता रमेश कुमार जैन का ऍफ़ आई आर दर्ज करने के भी दो प्रार्थना पत्र थानाध्यक्ष ऋषिदेव के पास पेडिंग पड़ें थें. प्रार्थना पत्र की शिकायत के अनुसार उसमें सारे सबूत सलंग्न थें. मगर फिर भी तरह-तरह के बहाने बनाये जा रहे थें कि-थाने में सीडी सुनने की सुविधा नहीं है आदि. जिसका सन्दर्भ ब्लॉग (बायीं तरफ) पर "मार्मिक अपील-मदद सिर्फ एक फ़ोन की !" के नाम से दर्ज है. जब एक पत्रकार के आवेदन पर कार्यवाही नहीं हो रही है तब आम जनता का क्या हाल करते होंगे भ्रष्ट पुलिस वाले? भ्रष्ट पुलिस वालों की कार्यशैली और कार्यप्रणाली पर यह एक प्रश्न चिन्ह है, यह समाचार एक जीता-जागता उदाहरण है.
# निष्पक्ष, निडर, अपराध विरोधी व आजाद विचारधारा वाला प्रकाशक, मुद्रक, संपादक, स्वतंत्र पत्रकार, कवि व लेखक रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" फ़ोन: 09868262751, 09910350461 email: sirfiraa@gmail.com, महत्वपूर्ण संदेश-समय की मांग, हिंदी में काम. हिंदी के प्रयोग में संकोच कैसा,यह हमारी अपनी भाषा है. हिंदी में काम करके,राष्ट्र का सम्मान करें.हिन्दी का खूब प्रयोग करे. इससे हमारे देश की शान होती है.

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यह है मेरे सच्चे हितेषी (इनको मेरी आलोचना करने के लिए धन्यवाद देता हूँ और लगातार आलोचना करते रहेंगे, ऐसी उम्मीद करता हूँ)
पाठकों और दोस्तों मुझसे एक छोटी-सी गलती हुई है.जिसकी सार्वजनिक रूप से माफ़ी माँगता हूँ. अधिक जानकारी के लिए "भारतीय ब्लॉग समाचार" पर जाएँ और थोड़ा-सा ध्यान इसी गलती को लेकर मेरा नजरिया दो दिन तक "सिरफिरा-आजाद पंछी" पर देखें.

आदरणीय शिखा कौशिक जी, मुझे जानकारी नहीं थीं कि सुश्री शालिनी कौशिक जी, अविवाहित है. यह सब जानकारी के अभाव में और भूलवश ही हुआ.क्योकि लगभग सभी ने आधी-अधूरी जानकारी अपने ब्लोगों पर डाल रखी है. फिर गलती तो गलती होती है.भूलवश "श्रीमती" के लिखने किसी प्रकार से उनके दिल को कोई ठेस लगी हो और किसी भी प्रकार से आहत हुई हो. इसके लिए मुझे खेद है.मुआवजा नहीं देने के लिए है.अगर कहो तो एक जैन धर्म का व्रत 3 अगस्त का उनके नाम से कर दूँ. इस अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ.

मेरे बड़े भाई श्री हरीश सिंह जी, आप अगर चाहते थें कि-मैं प्रचारक पद के लिए उपयुक्त हूँ और मैं यह दायित्व आप ग्रहण कर लूँ तब आपको मेरी पोस्ट नहीं निकालनी चाहिए थी और उसके नीचे ही टिप्पणी के रूप में या ईमेल और फोन करके बताते.यह व्यक्तिगत रूप से का क्या चक्कर है. आपको मेरा दायित्व सार्वजनिक रूप से बताना चाहिए था.जो कहा था उस पर आज भी कायम और अटल हूँ.मैंने "थूककर चाटना नहीं सीखा है.मेरा नाम जल्दी से जल्दी "सहयोगी" की सूची में से हटा दिया जाए.जो कह दिया उसको पत्थर की लकीर बना दिया.अगर आप चाहे तो मेरी यह टिप्पणी क्या सारी हटा सकते है.ब्लॉग या अखबार के मलिक के उपर होता है.वो न्याय की बात प्रिंट करता है या अन्याय की. एक बार फिर भूलवश "श्रीमती" लिखने के लिए क्षमा चाहता हूँ.सिर्फ इसका उद्देश्य उनको सम्मान देना था.
कृपया ज्यादा जानकारी के लिए निम्न लिंक देखे. पूरी बात को समझने के लिए http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html,
गलती की सूचना मिलने पर हमारी प्रतिक्रिया: http://blogkeshari.blogspot.com/2011/07/blog-post_4919.html

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