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शुक्रवार, अप्रैल 01, 2011

आमन्त्रण-किक्रेट का फाइनल मैच साथ देखने का


 कुछ पुराने दोस्तों ने याद किया है.आने का आग्रह है.दोस्तों की प्यार-मोहब्बत में ताकत ज्यादा है.इसलिए जरुर जाना है.समाचार पत्र में नहीं तो कोई बात नहीं.मगर उपरोक्त समाचार को अपने ब्लॉग में ही स्थान देने का विनम्र अनुरोध है.दोस्तों का साथ होगा और भारत बनाम श्रीलंका का मैच होगा. हम भी दोस्तों की टोली में शामिल होकर भारत के खिलाड़ियों द्वारा लगाये चौके-छक्के और श्रीलंका की गिरी हर विकेट पर ताली बजायेंगे.श्रीलंका के खिलाड़ियों द्वारा रोके हर चौके-छक्के  व हर लिये कैच पर अफ़सोस करेंगे और भारत के खिलाड़ियों द्वारा रोके हर चौके-छक्के व हर लिये कैच पर ख़ुशी मनायेंगे. उत्तम नगर के क्षेत्र में कई स्थानों पर बड़ी स्क्रीन व एल.सी.डी लगाये जाने के समाचार प्राप्त हुए है. मगर बी-१/१, संजय एन्कलेव, बिंदापुर-मटियाला रोड, उत्तम नगर पर कौशिक प्रोपर्टीज वाले श्री देवेश कौशिक ने खासतौर पर अभिनेता दर्पण श्रीवास्तव(कलर चैनल पर प्रसारित "लागी तुझसे लगन" सीरियल के महादेव और "भाग्य-विधाता" में अभिनीत 'नागेश्वर चाचा' का पात्र) के साथ ही अनेक हास्य-सीरियल कलाकारों को आमंत्रित किया है.आप सभी का मज़ा दुगना करने के लिए चाय के साथ समोसों का विशेष प्रबंध है.

5 टिप्‍पणियां:

  1. रमेश जी मैं इस खेल के पीछे के खेल से आहत हूँ..ये खेल अब कुकर्मियों,धनपशुओं का खेल बन चुका है...मेरी इक्षा है की इस देश से क्रिकेट खेल का बुखार उतरे इसलिए आज भारत हार जाय...कम से कम इंसानियत तो जीतेगी ही इससे...? सरकार और मिडिया का रवैया इस खेल को प्रचारित और प्रसारित करने में शर्मनाक है....सरकार अरबों रुपया खर्च कर देती है पानी की तरह इस खेल पे जबकि सत्य,न्याय और ईमानदारी की रक्षा के लिए सरकार के पास पैसा नहीं होता है....राष्ट्रपति के पास किसी सच्चे आदमी का दुःख सुनने का वक्त नहीं होता लेकिन इस खेल को देखने के लिए वक्त होता है....?

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  2. nice कृपया comments देकर और follow करके सभी का होसला बदाए..

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  3. बजा दिया क्रांति बिगुल, दे दी अपनी आहुति अब देश और श्री अन्ना हजारे की जीत पर योगदान करें... aapka sandesh padha bahut khushi huyee.. nischit hi sabko apne apne star se es kranti mein apna yogdan dene ke jarurat hai, tabhi yah bhrastachar door karne mein ham saksham ho sakenge...

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यह है मेरे सच्चे हितेषी (इनको मेरी आलोचना करने के लिए धन्यवाद देता हूँ और लगातार आलोचना करते रहेंगे, ऐसी उम्मीद करता हूँ)
पाठकों और दोस्तों मुझसे एक छोटी-सी गलती हुई है.जिसकी सार्वजनिक रूप से माफ़ी माँगता हूँ. अधिक जानकारी के लिए "भारतीय ब्लॉग समाचार" पर जाएँ और थोड़ा-सा ध्यान इसी गलती को लेकर मेरा नजरिया दो दिन तक "सिरफिरा-आजाद पंछी" पर देखें.

आदरणीय शिखा कौशिक जी, मुझे जानकारी नहीं थीं कि सुश्री शालिनी कौशिक जी, अविवाहित है. यह सब जानकारी के अभाव में और भूलवश ही हुआ.क्योकि लगभग सभी ने आधी-अधूरी जानकारी अपने ब्लोगों पर डाल रखी है. फिर गलती तो गलती होती है.भूलवश "श्रीमती" के लिखने किसी प्रकार से उनके दिल को कोई ठेस लगी हो और किसी भी प्रकार से आहत हुई हो. इसके लिए मुझे खेद है.मुआवजा नहीं देने के लिए है.अगर कहो तो एक जैन धर्म का व्रत 3 अगस्त का उनके नाम से कर दूँ. इस अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ.

मेरे बड़े भाई श्री हरीश सिंह जी, आप अगर चाहते थें कि-मैं प्रचारक पद के लिए उपयुक्त हूँ और मैं यह दायित्व आप ग्रहण कर लूँ तब आपको मेरी पोस्ट नहीं निकालनी चाहिए थी और उसके नीचे ही टिप्पणी के रूप में या ईमेल और फोन करके बताते.यह व्यक्तिगत रूप से का क्या चक्कर है. आपको मेरा दायित्व सार्वजनिक रूप से बताना चाहिए था.जो कहा था उस पर आज भी कायम और अटल हूँ.मैंने "थूककर चाटना नहीं सीखा है.मेरा नाम जल्दी से जल्दी "सहयोगी" की सूची में से हटा दिया जाए.जो कह दिया उसको पत्थर की लकीर बना दिया.अगर आप चाहे तो मेरी यह टिप्पणी क्या सारी हटा सकते है.ब्लॉग या अखबार के मलिक के उपर होता है.वो न्याय की बात प्रिंट करता है या अन्याय की. एक बार फिर भूलवश "श्रीमती" लिखने के लिए क्षमा चाहता हूँ.सिर्फ इसका उद्देश्य उनको सम्मान देना था.
कृपया ज्यादा जानकारी के लिए निम्न लिंक देखे. पूरी बात को समझने के लिए http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html,
गलती की सूचना मिलने पर हमारी प्रतिक्रिया: http://blogkeshari.blogspot.com/2011/07/blog-post_4919.html

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