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बुधवार, मार्च 30, 2011

भारत में दिवाली मनाई गई

पाकिस्तान पर जीत के बाद
 भारत में दिवाली मनाई गई
 वर्ल्ड कप के बेहद रोमांचक दूसरे सेमीफाइनल में भारत ने पाकिस्तान को 29 रन से हराकर फाइनल में जगह बना ली है. भारतीय टीम की पाकिस्तान पर जीत के बाद भारत में दिवाली  मनाई गई. जहाँ एक ओर दोपहर ढाई बजे के बाद गलियां और सडकें सुनसान पड़ी थी. गलियां और सडकों पर इक्का-दुक्का लोग नजर आ रहे थें. वहीँ दूसरी ओर जैसे ही पाकिस्तान की आखिरी विकेट गिरी. तभी लोगों ने अपने घरों से बाहर निकल कर ढोल-नगाड़े बजाने के साथ ही बम-पटाखे छुटाकर दिवाली मनाई गई. भारत-पाकिस्तान के किक्रेट मैच का उत्साह बड़ों में ही नहीं बल्कि छोटे-छोटे बच्चों में देखने को मिला. पश्चिमी दिल्ली के उत्तम नगर विधानसभा के क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले थाना बिंदापुर क्षेत्र की शीशराम पार्क के निवासी  श्री राजेश वर्मा उर्फ़ सन्नी ने कालोनी के बच्चों के चेहरे व हाथों पर तिरंगा बनाया और उनके लिए गली में टेलीविजन लगाकर मैच दिखाने के साथ ही चाऊमीन खिलाकर मैच देखने का मजा दुगना कर दिया. इस अवसर पर बच्चों ने मुझे भी याद किया और हम भी पहुँच गए.अपना कैमरा आदि लेकर बच्चों का उत्साह कैमरे में कैद  करने के लिए. पाकिस्तान पर भारत की जीत के लिए सभी खिलाडियों  और आप सब को बहुत-बहुत बधाई. भारत के फाइनल में श्रीलंका पर विजयी होने की कामनाओं के साथ. 
बच्चों का उत्साह कैमरे में कैद चित्रों के माध्यम से आप भी देखे.
 
  
 

3 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छा है इसी तरह इस देश की दूसरी आजादी की लड़ाई जो 5 अप्रेल 2011 से अन्ना हजारे जी द्वारा दिल्ली के जंतर मंतर पर किये जा रहे भूख हरताल से शुरू हो रही है को भी जितने के लिए प्रयास कीजिये ....

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  2. आपके बलाग पर प्रथम बार आना हुआ। इतना रोचक और आकर्षक ब्लाग ’सिरफिरा’ का कतई नहीं हो सकता है। इस ब्लाग में स्वतंत्र और मौलिक सूझबूझ की भरपूर झलक निहित है। इसलिए ’आजाद पंछी’ सटीक उपानाम है। आपके उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना के सहित
    ===========================
    प्रवाहित रहे यह सतत भाव-धारा।
    जिसे आपने इंटरनेट पर उतारा॥
    ========================
    सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी

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  3. अन्ना हजारे के भूख हरताल को हरताल को कभार करे और साथ दे क्यों की आप बहुत नजदीक है !सचित्र बच्चो का उत्साह अच्छा लगा !

    जवाब देंहटाएं

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यह है मेरे सच्चे हितेषी (इनको मेरी आलोचना करने के लिए धन्यवाद देता हूँ और लगातार आलोचना करते रहेंगे, ऐसी उम्मीद करता हूँ)
पाठकों और दोस्तों मुझसे एक छोटी-सी गलती हुई है.जिसकी सार्वजनिक रूप से माफ़ी माँगता हूँ. अधिक जानकारी के लिए "भारतीय ब्लॉग समाचार" पर जाएँ और थोड़ा-सा ध्यान इसी गलती को लेकर मेरा नजरिया दो दिन तक "सिरफिरा-आजाद पंछी" पर देखें.

आदरणीय शिखा कौशिक जी, मुझे जानकारी नहीं थीं कि सुश्री शालिनी कौशिक जी, अविवाहित है. यह सब जानकारी के अभाव में और भूलवश ही हुआ.क्योकि लगभग सभी ने आधी-अधूरी जानकारी अपने ब्लोगों पर डाल रखी है. फिर गलती तो गलती होती है.भूलवश "श्रीमती" के लिखने किसी प्रकार से उनके दिल को कोई ठेस लगी हो और किसी भी प्रकार से आहत हुई हो. इसके लिए मुझे खेद है.मुआवजा नहीं देने के लिए है.अगर कहो तो एक जैन धर्म का व्रत 3 अगस्त का उनके नाम से कर दूँ. इस अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ.

मेरे बड़े भाई श्री हरीश सिंह जी, आप अगर चाहते थें कि-मैं प्रचारक पद के लिए उपयुक्त हूँ और मैं यह दायित्व आप ग्रहण कर लूँ तब आपको मेरी पोस्ट नहीं निकालनी चाहिए थी और उसके नीचे ही टिप्पणी के रूप में या ईमेल और फोन करके बताते.यह व्यक्तिगत रूप से का क्या चक्कर है. आपको मेरा दायित्व सार्वजनिक रूप से बताना चाहिए था.जो कहा था उस पर आज भी कायम और अटल हूँ.मैंने "थूककर चाटना नहीं सीखा है.मेरा नाम जल्दी से जल्दी "सहयोगी" की सूची में से हटा दिया जाए.जो कह दिया उसको पत्थर की लकीर बना दिया.अगर आप चाहे तो मेरी यह टिप्पणी क्या सारी हटा सकते है.ब्लॉग या अखबार के मलिक के उपर होता है.वो न्याय की बात प्रिंट करता है या अन्याय की. एक बार फिर भूलवश "श्रीमती" लिखने के लिए क्षमा चाहता हूँ.सिर्फ इसका उद्देश्य उनको सम्मान देना था.
कृपया ज्यादा जानकारी के लिए निम्न लिंक देखे. पूरी बात को समझने के लिए http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html,
गलती की सूचना मिलने पर हमारी प्रतिक्रिया: http://blogkeshari.blogspot.com/2011/07/blog-post_4919.html

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