अपने बारे में एक वेबसाइट को अपनी जन्मतिथि,समय और स्थान भेजने के बाद यह कहना है कि-आप अपने पिछले जन्म में एक थिएटर कलाकार थे. आप कला हेतु जुनून,अपने विचारों में स्वतंत्र है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं.मुझे पता नहीं यह कितना सच है लेकिन आमआदमी को अपने विचारों व अनुभव द्वारा अन्याय का विरोध व अपने अधिकारों को लेने हेतु प्रेरित करने की एक छोटी-सी कोशिश ही है उपरोक्त ब्लॉग.
हम हैं आपके साथ
कृपया हिंदी में लिखने के लिए यहाँ लिखे.
रविवार, फ़रवरी 20, 2011
10 टिप्पणियां:
अपने बहूमूल्य सुझाव व शिकायतें अवश्य भेजकर मेरा मार्गदर्शन करें. आप हमारी या हमारे ब्लोगों की आलोचनात्मक टिप्पणी करके हमारा मार्गदर्शन करें और हम आपकी आलोचनात्मक टिप्पणी का दिल की गहराईयों से स्वागत करने के साथ ही प्रकाशित करने का आपसे वादा करते हैं. आपको अपने विचारों की अभिव्यक्ति की पूरी स्वतंत्रता है. लेकिन आप सभी पाठकों और दोस्तों से हमारी विनम्र अनुरोध के साथ ही इच्छा हैं कि-आप अपनी टिप्पणियों में गुप्त अंगों का नाम लेते हुए और अपशब्दों का प्रयोग करते हुए टिप्पणी ना करें. मैं ऐसी टिप्पणियों को प्रकाशित नहीं करूँगा. आप स्वस्थ मानसिकता का परिचय देते हुए तर्क-वितर्क करते हुए हिंदी में टिप्पणी करें.
पाठकों और दोस्तों मुझसे एक छोटी-सी गलती हुई है.जिसकी सार्वजनिक रूप से माफ़ी माँगता हूँ. अधिक जानकारी के लिए "भारतीय ब्लॉग समाचार" पर जाएँ और थोड़ा-सा ध्यान इसी गलती को लेकर मेरा नजरिया दो दिन तक "सिरफिरा-आजाद पंछी" पर देखें.
आदरणीय शिखा कौशिक जी, मुझे जानकारी नहीं थीं कि सुश्री शालिनी कौशिक जी, अविवाहित है. यह सब जानकारी के अभाव में और भूलवश ही हुआ.क्योकि लगभग सभी ने आधी-अधूरी जानकारी अपने ब्लोगों पर डाल रखी है. फिर गलती तो गलती होती है.भूलवश "श्रीमती" के लिखने किसी प्रकार से उनके दिल को कोई ठेस लगी हो और किसी भी प्रकार से आहत हुई हो. इसके लिए मुझे खेद है.मुआवजा नहीं देने के लिए है.अगर कहो तो एक जैन धर्म का व्रत 3 अगस्त का उनके नाम से कर दूँ. इस अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ.
मेरे बड़े भाई श्री हरीश सिंह जी, आप अगर चाहते थें कि-मैं प्रचारक पद के लिए उपयुक्त हूँ और मैं यह दायित्व आप ग्रहण कर लूँ तब आपको मेरी पोस्ट नहीं निकालनी चाहिए थी और उसके नीचे ही टिप्पणी के रूप में या ईमेल और फोन करके बताते.यह व्यक्तिगत रूप से का क्या चक्कर है. आपको मेरा दायित्व सार्वजनिक रूप से बताना चाहिए था.जो कहा था उस पर आज भी कायम और अटल हूँ.मैंने "थूककर चाटना नहीं सीखा है.मेरा नाम जल्दी से जल्दी "सहयोगी" की सूची में से हटा दिया जाए.जो कह दिया उसको पत्थर की लकीर बना दिया.अगर आप चाहे तो मेरी यह टिप्पणी क्या सारी हटा सकते है.ब्लॉग या अखबार के मलिक के उपर होता है.वो न्याय की बात प्रिंट करता है या अन्याय की. एक बार फिर भूलवश "श्रीमती" लिखने के लिए क्षमा चाहता हूँ.सिर्फ इसका उद्देश्य उनको सम्मान देना था.
कृपया ज्यादा जानकारी के लिए निम्न लिंक देखे. पूरी बात को समझने के लिए http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html,
गलती की सूचना मिलने पर हमारी प्रतिक्रिया: http://blogkeshari.blogspot.com/2011/07/blog-post_4919.html
aalochnaa aalochnaa aalochna aalochnaa aalochna aalochnaa aalochnaa aalochnaa aaalochna bs bhaai itne khubsurt blog ki men isse zyaada aalochna nhin kr skta ab aapko do so rupye bhejna ho to bhejo nhin to aapke paas rkh lo jb milenge tb le lenge bhai is nye andaz ke liyen nye blog ke liyen bhut bhut mubarkbad hmen bhi aap apne saath shaamil kr len pliz . akhtar khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंआलोचना, आलोचना, आलोचना, आलोचना, आलोचना, आलोचना, आलोचना, आलोचना, आलोचना बस भाई इतने खुबसूरत ब्लॉग की मैं इससे ज्यादा आलोचना नहीं कर सकता. अब आपको दो सौ रूपये भेजना हो तो भेजो, नहीं तो आपके पास रखलो. जब मिलेंगे तब ले लेंगे भाई. इस नये अंदाज़ के लियें नये ब्लॉग के लियें बहुत-बहुत मुबारकबाद. हमें भी आप अपने साथ शामिल कर लें प्लीज़. अख्तर खान अकेला, कोटा-राजस्थान
जवाब देंहटाएंश्रीमान अख्तर खान अकेला जी, आपकी टिप्पणी का हिंदी में अनुवाद व संपादित कर दिया है. आपको मेरे ब्लॉग में कोई कमी दिखाई नहीं दी, इसका मुझे अफ़सोस है. शायद आप आलोचना करके नाराज नहीं करना चाहते थें. इसलिए मुझे चने के छाड़ पर चढ़ा दिया आपने. जहाँ तक दो सौ रूपये की बात है आप उसको पाने के शर्तों का पालन नहीं किया है. हमने आपको बहुत पहले से शामिल किया हुआ है. शायद आप किसी की आलोचना करने से डरते हैं, मगर मैं नहीं डरता. यह देखो मैं आपकी अभी आलोचना करके दिखता हूँ. यह रही आपकी आलोचना-श्रीमान जी आप अपने ब्लॉग में हिंदी में लिखते हैं और मेरे या अन्य ब्लॉग पर टिप्पणी अंग्रेजी भेजते हैं. कहिये कैसी लगी आपको हमारी खुबसूरत आलोचना! लिखना जरुर इन्तजार रहेगा............आपके जवाब का.
शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंरमेश जी शुक्रिया अब तो में बे फ़िक्र हो गया हूँ में ऐसा ही ठेठ गंवार हूँ २० साल तक देनिक अख़बार का स्वतंत्र सम्पादन किया हे इसलियें ऐसा कमजोर लिक्खड़ बन गया हूँ अब आपसे गुर सिक्ख कर कुछ तो करूंगा ही . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
जवाब देंहटाएंअब तक तो बहुत सारी आलोचनाएं पहुंच गयी होंगी। बधाई।
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ब्लॉगवाणी: ब्लॉग समीक्षा का एक विनम्र प्रयास।
खुबसूरत आलोचना!
जवाब देंहटाएंKYA ALOCHNA KARE AUR KIS BAAT KI ALOCHNA KARE
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें । 200 रुपये पास रखें मगर हिन्दी लिखने के लिये यूनिकोड मेमुझे cafehindi से बडिया कोई टूल नही लगा इसे वोर्क पैड पर आफ लाईन भी इस्तेमाल कर सकते हैं जी मेल यहू मे चैट भी कर सकते हैं\ इसके लिये cafehindi.com par jaa kar aap Daaun loD kar sakate hain. dhanyavaad|मेरे नाम पर क्लिक करके मेरा पता मिल जायेगा।
जवाब देंहटाएंआपने ब्लॉग का नाम सही रखा है ......
जवाब देंहटाएंबुरा न मानो होली है ....
होली की शुभकामनाये
पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ है ..आलोचना फिर कभी
सभी राज्य सरकार जनता को चुनाव के समय ही याद करती ह उसके बाद कयो याद नहीं करती
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