दोस्तों, आपके लिए बहुत ही अच्छी खबर है कि मेरा
समाचार पत्र फिर से शुरू हो गया है. आप तक उसको पहुँचाने का काफी प्रयास
कर रहा था. लेकिन तकनीकी जानकारी के कारण अपने आपको बहुत असमर्थ पा रहा था.
आज मेरे गुरुदेव श्री दिनेशराय द्विवेदी
जी के सुपुत्र ने मुझे "पेजमेकर" सोफ्टवेयर से "पीडीएफ" फाइल बना सिखा
दिया है. मुझे अभी बहुत कुछ सीखना है.
मेरे गुरुदेव के सुपुत्र Vaibhav Dwivedi ने मुम्बई में बैठे ही बैठे मेरे कम्प्युटर में कुछ सोफ्टवेयर लोड (नई तकनीकी द्वारा) किये. लगभग साढ़े तीन घंटे
की मेहनत के बाद वैभव द्विवेदी ने मेरी इच्छा को पूरा कर दिया और बहुत ही
प्रतिभाशाली भी है. वैसे इनके द्वारा इस मदद से मेरे प्रकाशन कार्य को पंख लग जायेगे. मैंने इनको बहुत परेशान किया है. मगर सारी जिंदगी वैभव
द्विवेदी का एहसानमंद रहूँगा.
मेरे गुरुदेव जी का पूरा परिवार समाज में अलग
स्थान रखता है और उसमें एक से बढ़कर एक प्रतिभाशाली सदस्य है. जहाँ एक ओर
मेरे गुरुदेव वकील है और उनकी पत्नी बहुत अच्छी "कुक" है. वहीँ दूसरी ओर
उनकी सुपुत्री Purva Dwivedi
एक बहुत बड़ी कम्पनी में बहुत बड़े पद आसीन होकर पूरी जिम्मेदारी से अपना
फर्ज निभा रही है और उनके सुपुत्र मुम्बई में एक कम्पनी में "सोफ्टवेयर
इंजीनियर" के पद की गरिमा में चार चाँद लगा रहे है. उनकी प्रतिभा को शब्दों
बयान करना सूर्य को दीपक दिखाने के समान है.
शकुंतला
प्रेस ऑफ इण्डिया प्रकाशन परिवार भगवान महावीर स्वामी जी से प्रार्थना करता
है कि गुरुदेव दिनेशराय द्विवेदी के पूरे परिवार को स्वस्थ रखे और उनकी यश
कीर्ति दुनिया के चारों दिशाओं में गतिमान हो.
आप सभी पाठक भी "जीवन का लक्ष्य"(यहाँ पर टिप्पणी बॉक्स में अपना ईमेल पता छोड़कर) का नया अंक पढ़ सकते हैं.