1 सितम्बर 2015 :मान-शान की इच्छा से दिये गए लाख रूपये की तुलना में प्रेम व ईमानदारी से दान किये गए मुट्ठी भर चावल का अधिक महत्व है.
2 सितम्बर 2015 : यदि आप हिम्मत का पहला कदम आगे बढायेगे तब परमात्मा की सम्पूर्ण मदद मिल जायेगी.
3 सितम्बर 2015 : मुस्कराना, संतुष्टता की निशानी है. इसलिए सदा मुस्कराते रहो.
4 सितम्बर 2015 : क्या मेरे विचारों का स्तर ऐसा है कि मैं परमात्मा का बच्चा कहलाने का अधिकारी हूँ.
5 सितम्बर 2015 : स्वयं में दैवी गुणों का आह्वान करो तो अवगुण भाग जायेंगे.
6 सितम्बर 2015 : एक अच्छा, स्वच्छ मन वाला व्यक्ति दूसरों की विशेषताओं को देखता है. दूषित मन वाला व्यक्ति दूसरों में बुराई ही तलाशता है.
7 सितम्बर 2015 : जो संकल्प करो उसे बीच-बीच में दृढ़ता का ठप्पा लगाओ तब विजयी बन जायेंगे.
8 सितम्बर 2015 : जितना आप दूसरों में अवगुण देखेंगे, उतना ही आप पर अवगुणों का असर पड़ेगा, इसलिए गुणग्राही बनो.
9 सितम्बर 2015 : सहनशील बनो, सहनशीलता कायरता नहीं, वीरता है.
10 सितम्बर 2015 : स्वयं को सिद्ध करने का प्रयास क्यों किया जाये? आपकी निर्दोषिता से दूसरे लोग स्वत: ही समझ जायेंगे.
11 सितम्बर 2015 : दूसरों को सहयोग देना ही उन्हेया अपना सहयोगी बनाना है.
12 सितम्बर 2015 : धैर्यता, विश्वास और सहनशीलता ही सफलता की कुँजी है.
13 सितम्बर 2015 : नम्र बनो तो लोग नमन करते हुए सहयोग देंगे.
14 सितम्बर 2015 : यह सत्य है कि "सत्य का अस्तित्व" है, सत्यता की महानता आपको महान बना देंगी.
15 सितम्बर 2015 : सदा प्रसन्न रहने के लिए प्रशंसा की इच्छा का त्याग करना आवश्यक है.
16 सितम्बर 2015 :पवित्र प्रेम शाश्वत सम्बन्धों का आधार है. शिष्ट व्यवहार शालीनता से भरा होता है, जबकि दूषित व्यवहार अकीर्तिकार होता है.
17 सितम्बर 2015 : अपने संकल्प, बोल और कर्म द्वारा सुख देने से सुख के देवता बन जायेंगे.
18 सितम्बर 2015 : स्वयं की खोज के लिए स्वयं के प्रति सच्चा बनना होगा.
19 सितम्बर 2015 : हमें सरल होना चाहिए, परन्तु मूर्ख नहीं. अपना सद-विवेक आपका अच्छा मित्र है, इसकी बात प्राय: सुनिये.
20 सितम्बर 2015 : भगवान की इच्छाओं को पूर्ण करने से हमारी इच्छाएं स्वत: ही पूरी हो जाती है.
21 सितम्बर 2015 : भगवान का बच्चा होने का अर्थ है कि उनकी विशेषताओं को स्वयं में प्रत्यक्ष करना.
22 सितम्बर 2015 : यदि आप गलती करके स्वयं को सही सिद्ध करने का प्रयास करते हैं तब समय आपकी मूर्खता पर हंसा करेगा.
23 सितम्बर 2015 : यदि आप अपने मन के संशयों को दूर नहीं करते तब मानों आप कैंसर की बीमारी को बढ़ने डे रहे हैं.
24 सितम्बर 2015 :बीती बातों को भूलकर, बीती बातों से शिक्षा लेकर आगे के लिए सावधान रहिये.
25 सितम्बर 2015 : अपने सहज स्वाभाविक स्वरूप में रहिए, यह कुछ और होने का स्वांग करने से कहीं अधिक अच्छा है.
26 सितम्बर 2015 : यदि आपके संकल्प शुद्ध हैं तब जो आप सोचते हैं, वह कहना तथा जो आप कहते हैं वह करना सरल हो जाता है.
27 सितम्बर 2015 : यदि आप हमेशा ऊँची दृष्टि रखते हैं तब आपका मस्तक स्वत: ऊँचा रहेगा.
28 सितम्बर 2015 : सरलता में महान सौन्दर्य होता है. जो सरल है, वह सत्य के समीप है.
29 सितम्बर 2015 : चाहे कोई आपकी निंदा या अपमान करता है फिर भी उस पर मुस्कान व शुभकामनाओं के पुष्पों की वर्षा करें.
30 सितम्बर 2015 : यदि कोई आपसे नाराज है और आपको बुरा-भला कह रहा है तब उस समय उत्तेजित होने के बजाय धैर्यता से काम लें.
नोट : तस्वीरों का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। फोटो-गूगल+फेसबुक साभार.
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