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मंगलवार, नवंबर 02, 2010

सड़कों पर खाना हजम करें

 दिल्ली की सड़कों पर खाना हजम करें

नई दिल्ली :दिल्ली की सड़के तौबा-तौबा! हमारी दिल्ली को कहा जाता है कि-भारत की राजधानी है मगर राजधानी होने के कारण जैसी शान होनी चाहिए वैसी है नहीं. समाचार के साथ लगी यह फोटो कर्मपुरा से जखीरा की ओर जाने वाली सड़क की हैं. इसकी हालत इतनी जर्जर हैं कि-आप अपनी गाडी या वाहन के साथ यहाँ से गुजर जाने के बाद आपके पेट की रोटी हजम हो जाती है. जैसे फुटबाल के खेल में फुटबाल पर कभी किक एक बार इधर से लगती है और कभी उधर से लगती है. ठीक उसी प्रकार से यहाँ पर एक बार वाहन का पहिया इस गड्डे में गिरता है और कभी उस गड्डे में गिरता है. वाहन का पहिया गड्डे में गिरने से इतना जोर का झटका लगता है. इसे पेट की सारी आतिड़ियों की कसरत हो जाती है और आपका खाना हजम हो जाता है. उपरोक्त संवाददाता को राहगीर रिटार्ड कर्नल सरदार हरनारिंदर  सिंह  ने  बताया  कि यह सडक  पिछले  दस  सालों  से नहीं बनी है और जहाँ पर मंत्री रहते हैं वहां की सड़के ठीक से बनी हुई है मगर जिन सड़कों से आम आदमी गुजरते हैं उनकी हालत खस्ता है. एक अन्य राहगीर नितिन अरोड़ा का कहना है कि-काश दिल्ली सरकार ने कोमनवेल्थ के नाम  पर इतना पैसा बर्बाद न करके उसका 1% पूरी ईमानदारी से दिल्ली की सड़कों पर लगाया होता तो वो ज्यादा कहीं अच्छा होता. कर्मपुरा से उत्तम नगर की ओर जाने वाली रोड की मरम्मत  करवाता  दिल्ली नगर निगम के एक अधिकारी  ने  नाम  न  छापने का अनुरोध  करते हुए बताया  कि- अगर पूरी दिल्ली के लिए (एक मशीन की ओर इशारा करते हुए) इसी चार-पाँच मशीनें आ जाए तो दिल्ली की एक भी सडक टूटी हुई नहीं रह सकती है मगर मशीने मंगवाने वाली फाइल विभागों में अटकी पड़ी रहती है.

8 टिप्‍पणियां:

  1. pet main gas ki problem ho to Auto main baith kar ke thoda sa ghum le. sari gas bahar aa jayegi.

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  2. rmesh ji aapke blog pr aakr achchaa lgaa kafi mhnt se likh rhe ho likh kya rhe ho blog ki duniya se alg ht kr schchayi kaa chitrn lekhni ke maadhym se kr rhe ho ishvr aapko kaamyab kre . hm bhi kbhi ptrkaar the kotaa men kafi ptrkarita ki he or ab vkalat kr rhe hen kmbkht ptrkaaritaa ka nsha aesa he ke chutta hi nhin isliyen abhi bhi pres klb kota ke pdaadhikari hen or svtntr ptrkarita se judna hmari mjburi he vkil hone ke nate or smaj seva se jde hone ke nate kai aesi kmiya dekhte hen jinhe likhne ka mn krta he ptrkarita ki gndgi bdbudar seting se lekr schchaayi ko tdpte bhi hmne dekha he lekin aapke blog pr hmari bhut bhut jmegi lga he ke kuch aachchaa or tunk pdhne ko milegaa. mubark ho dipavli bhi mubark ho akhtar khan akela kota rajsthan

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  3. आपको परिवार एवं इष्ट स्नेहीजनों सहित दीपावली की घणी रामराम.

    रामराम

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  4. ये हाल तो देश की ज्यादातर सड़को का है | सड़को की मरम्मत के लिए पैसे आते है और सब गायब हो जाते है यदि कोई भी एक आर टी आई दाखिल कर इसकी पोल पट्टी खोल सकता है और सड़क को बनवा सकता है जैसा की दिल्ली के ही दो युवाओ ने किया था |

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  5. रमेश जी आप ने अपनी टिप्पणी में क्या क्या लिख डाला अब क्या बोलू उसके बारे में जाने दे | मै इसके पहले भी आई थी आप के ब्लॉग पर लेकिन सारी पोस्ट पुरानी थी इसलिए टिप्पणी दिए बिना चली गई थी और जरा शब्द पुष्टिकरण की व्यवस्था हटा दे तो टिप्पणी करने वाले को आसानी होगी |

    जवाब देंहटाएं
  6. अख्तर खान अकेला जी, आपने मेरे ब्लॉग को अपना कीमती समय देकर पढ़ा और टिप्पणी की उसके लिए आप धन्यवाद स्वीकार करें. आपकी टिप्पणी का मैंने अनुवाद हिंदी में करने के साथ ही संपादन कर दिया है. कृपया इसको अन्थया न लें. हम अपनी आदत से मजबूर हैं.
    रमेश जी,आपके ब्लॉग पर आकर अच्छा लगा काफी मेहनत से लिख रहे हो,लिख क्या रहे हो ब्लॉग की दुनिया से अलग हटकर सच्चाई का चित्रण लेखनी के माध्यम से कर रहे हो.ईश्वर आपको कामयाब करे. हम भी कभी पत्रकार then कोटा में काफी पत्रकारिता की हैं और अब वकालत कर रहे हैं.कमबख्त पत्रकारिता का
    नशा ऐसा है कि-छूटता ही नहीं इसलिएअभी भी प्रेसक्लब कोटा के पदाधिकारी है और स्वतंत्र पत्रकारिता से जुड़ना हमारी मजबूरी है.वकील होने के नाते और समाजसेवा से जुड़े होने के नाते कई ऐसी कमियां देखते हैं, जिन्हें लिखने का मन करता है.पत्रकारिता की गंदगी बदबूदार सेटिंग से लेकर सच्चाई को तडपते भी हमने देखा है.लेकिन आपके ब्लॉग पर हमारी बहुत बहुत जमेगी
    लगा है कि-कुछ अच्छा और तुनक पढने को मिलेगा. मुबारक हो! दीपावली भी मुबारक हो ! अख्तर खान अकेला,कोटा (राजस्थान)

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  7. तारकेश्वर गिरी जी,आपने मेरे ब्लॉग को अपना कीमती समय देकर पढ़ा और टिप्पणी की उसके लिए आप धन्यवाद स्वीकार करें. आपकी टिप्पणी का मैंने अनुवाद हिंदी में करने के साथ ही संपादन कर दिया है. कृपया इसको अन्थया न लें. हम अपनी आदत से मजबूर हैं.
    आपकी टिप्पणी=पेट में गैस की प्रॉब्लम हो तो ऑटो में बैठ करके थोड़ा-सा घूम लें.सारी गैस बाहर आ जाएगी.

    जवाब देंहटाएं
  8. ताऊ रामपुरिया और अंशुमाला जी,आपने मेरे ब्लॉग को अपना कीमती समय देकर पढ़ा और टिप्पणी की उसके लिए आप धन्यवाद स्वीकार करें.

    जवाब देंहटाएं

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यह है मेरे सच्चे हितेषी (इनको मेरी आलोचना करने के लिए धन्यवाद देता हूँ और लगातार आलोचना करते रहेंगे, ऐसी उम्मीद करता हूँ)
पाठकों और दोस्तों मुझसे एक छोटी-सी गलती हुई है.जिसकी सार्वजनिक रूप से माफ़ी माँगता हूँ. अधिक जानकारी के लिए "भारतीय ब्लॉग समाचार" पर जाएँ और थोड़ा-सा ध्यान इसी गलती को लेकर मेरा नजरिया दो दिन तक "सिरफिरा-आजाद पंछी" पर देखें.

आदरणीय शिखा कौशिक जी, मुझे जानकारी नहीं थीं कि सुश्री शालिनी कौशिक जी, अविवाहित है. यह सब जानकारी के अभाव में और भूलवश ही हुआ.क्योकि लगभग सभी ने आधी-अधूरी जानकारी अपने ब्लोगों पर डाल रखी है. फिर गलती तो गलती होती है.भूलवश "श्रीमती" के लिखने किसी प्रकार से उनके दिल को कोई ठेस लगी हो और किसी भी प्रकार से आहत हुई हो. इसके लिए मुझे खेद है.मुआवजा नहीं देने के लिए है.अगर कहो तो एक जैन धर्म का व्रत 3 अगस्त का उनके नाम से कर दूँ. इस अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ.

मेरे बड़े भाई श्री हरीश सिंह जी, आप अगर चाहते थें कि-मैं प्रचारक पद के लिए उपयुक्त हूँ और मैं यह दायित्व आप ग्रहण कर लूँ तब आपको मेरी पोस्ट नहीं निकालनी चाहिए थी और उसके नीचे ही टिप्पणी के रूप में या ईमेल और फोन करके बताते.यह व्यक्तिगत रूप से का क्या चक्कर है. आपको मेरा दायित्व सार्वजनिक रूप से बताना चाहिए था.जो कहा था उस पर आज भी कायम और अटल हूँ.मैंने "थूककर चाटना नहीं सीखा है.मेरा नाम जल्दी से जल्दी "सहयोगी" की सूची में से हटा दिया जाए.जो कह दिया उसको पत्थर की लकीर बना दिया.अगर आप चाहे तो मेरी यह टिप्पणी क्या सारी हटा सकते है.ब्लॉग या अखबार के मलिक के उपर होता है.वो न्याय की बात प्रिंट करता है या अन्याय की. एक बार फिर भूलवश "श्रीमती" लिखने के लिए क्षमा चाहता हूँ.सिर्फ इसका उद्देश्य उनको सम्मान देना था.
कृपया ज्यादा जानकारी के लिए निम्न लिंक देखे. पूरी बात को समझने के लिए http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html,
गलती की सूचना मिलने पर हमारी प्रतिक्रिया: http://blogkeshari.blogspot.com/2011/07/blog-post_4919.html

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