हम हैं आपके साथ

कृपया हिंदी में लिखने के लिए यहाँ लिखे.

आईये! हम अपनी राष्ट्रभाषा हिंदी में टिप्पणी लिखकर भारत माता की शान बढ़ाये.अगर आपको हिंदी में विचार/टिप्पणी/लेख लिखने में परेशानी हो रही हो. तब नीचे दिए बॉक्स में रोमन लिपि में लिखकर स्पेस दें. फिर आपका वो शब्द हिंदी में बदल जाएगा. उदाहरण के तौर पर-tirthnkar mahavir लिखें और स्पेस दें आपका यह शब्द "तीर्थंकर महावीर" में बदल जायेगा. कृपया "निर्भीक-आजाद पंछी" ब्लॉग पर विचार/टिप्पणी/लेख हिंदी में ही लिखें.

शनिवार, जुलाई 31, 2010

अभी तो अजन्मा बच्चा हूँ दोस्तों


  अभी तो अजन्मा बच्चा हूँ दोस्तों
प्रिय दोस्तों, पाठकों सर्वप्रथम आपका मेरे ब्लॉग पर आने के धन्यवाद करता हूँ. आपको यह जानकार बहुत हैरानी होगी कि मुझे इंग्लिश नहीं आती है. मगर दोस्तों मेरी दिली इच्छा थी कि कोई ऐसा ब्लॉग बनाऊं जिस पर अपने अनुभव, विचारों की अभिव्यक्ति व्यक्त कर सकूँ. मगर किसी प्रकार कोई जानकारी न होने के कारण कुछ नहीं कर सकता था. एक दिन कुछ ओर ढूढते हुए अचानक मुझसे एक स्थान पर हिंदी भाषा सलेक्ट हो गई और उसको पढ़ते-पढ़ते बन गया मेरा भी ब्लॉग. वो दिन और समय था 19 जुलाई 2010 की रात के 11 बजे का.
        दोस्तों/पाठकों, आज मेरा ब्लॉग ठीक उसी प्रकार का अजन्मा बच्चा है. जिसने आपनी माँ के गर्भ में अभी-अभी प्रवेश किया है.उसकी माँ को गर्भ आने की मात्र अनुभूति हुई है. जैसे-जैसे गर्भ में बच्चा बड़ा होगा और माँ को उसकी हलचल महसूस होगी. साथ ही उसका उत्साह भी बढेगा तो अपने बच्चे के लिए जागरूक होकर उसका ज्यादा ख्याल रखेंगी. फिर जब उसकी गर्भवस्था का पूरा समय होकर उसका जन्म होगा तब देखना कैसे उसका उपरोक्त यह बच्चा सबसे निराला और स्वस्थ होगा. अपना पहला जन्मदिन जब यह मनायेगा तब इसको जाने वाले आप सभी देखेंगे कि इसकी वेशभूषा देखने लायक होगी. आप सभी पढ़े- लिखें दोस्तों-पाठकों को इस अनपढ, ग्वार और अजन्में बच्चे की ओर से चरण स्पर्श स्वीकार करें. बस अबतक 12 दिनों की यही कहानी है. अच्छा फिर मिलूंगा इन्हीं पेजों पर...आपका अपना प्यारा-सा, छोटा-सा और नन्हा-सा अजन्मा बच्चा.
पहले हमने यह भी लिखा हैRelated Posts Plugin for WordPress, Blogger...
यह है मेरे सच्चे हितेषी (इनको मेरी आलोचना करने के लिए धन्यवाद देता हूँ और लगातार आलोचना करते रहेंगे, ऐसी उम्मीद करता हूँ)
पाठकों और दोस्तों मुझसे एक छोटी-सी गलती हुई है.जिसकी सार्वजनिक रूप से माफ़ी माँगता हूँ. अधिक जानकारी के लिए "भारतीय ब्लॉग समाचार" पर जाएँ और थोड़ा-सा ध्यान इसी गलती को लेकर मेरा नजरिया दो दिन तक "सिरफिरा-आजाद पंछी" पर देखें.

आदरणीय शिखा कौशिक जी, मुझे जानकारी नहीं थीं कि सुश्री शालिनी कौशिक जी, अविवाहित है. यह सब जानकारी के अभाव में और भूलवश ही हुआ.क्योकि लगभग सभी ने आधी-अधूरी जानकारी अपने ब्लोगों पर डाल रखी है. फिर गलती तो गलती होती है.भूलवश "श्रीमती" के लिखने किसी प्रकार से उनके दिल को कोई ठेस लगी हो और किसी भी प्रकार से आहत हुई हो. इसके लिए मुझे खेद है.मुआवजा नहीं देने के लिए है.अगर कहो तो एक जैन धर्म का व्रत 3 अगस्त का उनके नाम से कर दूँ. इस अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ.

मेरे बड़े भाई श्री हरीश सिंह जी, आप अगर चाहते थें कि-मैं प्रचारक पद के लिए उपयुक्त हूँ और मैं यह दायित्व आप ग्रहण कर लूँ तब आपको मेरी पोस्ट नहीं निकालनी चाहिए थी और उसके नीचे ही टिप्पणी के रूप में या ईमेल और फोन करके बताते.यह व्यक्तिगत रूप से का क्या चक्कर है. आपको मेरा दायित्व सार्वजनिक रूप से बताना चाहिए था.जो कहा था उस पर आज भी कायम और अटल हूँ.मैंने "थूककर चाटना नहीं सीखा है.मेरा नाम जल्दी से जल्दी "सहयोगी" की सूची में से हटा दिया जाए.जो कह दिया उसको पत्थर की लकीर बना दिया.अगर आप चाहे तो मेरी यह टिप्पणी क्या सारी हटा सकते है.ब्लॉग या अखबार के मलिक के उपर होता है.वो न्याय की बात प्रिंट करता है या अन्याय की. एक बार फिर भूलवश "श्रीमती" लिखने के लिए क्षमा चाहता हूँ.सिर्फ इसका उद्देश्य उनको सम्मान देना था.
कृपया ज्यादा जानकारी के लिए निम्न लिंक देखे. पूरी बात को समझने के लिए http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html,
गलती की सूचना मिलने पर हमारी प्रतिक्रिया: http://blogkeshari.blogspot.com/2011/07/blog-post_4919.html

यह हमारी नवीनतम पोस्ट है: